दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास योजना बनी स्वरोजगार का साधन, पहाड़ से हो रहे पलायन को रोकने में भी कारगर।

अल्मोड़ा। जिला पर्यटन विकास अधिकारी प्रकाश सिंह खत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम-स्टे) योजनान्तर्गत आवेदक विपिन चन्द्र जोशी द्वारा ग्राम सुनोली, पो. अयारपानी में हिमालयन हैवन नाम से होम स्टे का निर्माण किया है। आवेदक ने पूर्व में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित डेस्टिनेशन गाईड एवं नेचर गाईड प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। आवेदक द्वारा बताया गया है कि होम स्टे से प्रतिवर्ष लगभग रु. 2 से 3 लाख तक आय प्राप्त होती है। आवेदक होम स्टे निर्माण से पूर्व ट्रैकिंग, वर्ड वाचिंग, टूरिस्ट डेस्टिनेशन गाईड इत्यादि कार्य करते थे, जिससे उनकी आय सीमित थी। पर्यटकों की संख्या को देखते हुए आवेदक द्वारा अपने पैतृक घर के निकट स्थित भूमि में होमस्टे का निर्माण किया है, ताकि पर्यटकों को ट्रैकिंग, बर्ड वाचिंग के साथ ही यहाँ पर ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएं, जिससे इनकी आय में वृद्धि भी हुई है। इनके द्वारा पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति यथा खेती, पशुपालन, चूल्हे में भोजन पकाना इत्यादि से भी रुबरु कराया जाता है। साथ ही स्थानीय फल सब्जियों एवं स्थानीय दालों को पर्यटकों को भोजन में उपलब्ध कराया जाता है ताकि आने वाले पर्यटक स्थानीय संस्कृति के साथ ही स्थानीय भोजन से भी परिचित हों।

आवेदक द्वारा अपने गाँव में रहकर ही स्वरोजगार कर स्थानीय पलायन को रोकने में भी विशेष भूमिका निभाई है, क्योंकि ग्राम सुनोली में अधिकतर ग्रामीणों द्वारा पलायन कर लिया है। आवेदक द्वारा स्वरोजगार कर अन्य लोगो को भी जागरुक किया है कि गाँव में रहकर भी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्राप्त कर किस प्रकार रोजगार सृजित किए जा सकते है। आवेदक द्वारा स्थानीय ग्रामीणों को भी अपने साथ रोजगार प्रदान किया जा रहा है। आवेदक द्वारा बताया गया कि 2 परिवारों द्वारा पुनः गाँव में रिवर्स पलायन कर अपने पैतृक घर को ठीक कर निवास किया जा रहा है। श्री खत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 33 प्रतिशत अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए जिला पर्यटन अधिकारी कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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