मंगलदीप विद्यालय के बच्चों के प्रति जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय का प्रेम हुआ उजागर।
अल्मोड़ा। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय द्वारा विगत दिनों मंगलदीप विद्यालय खत्याड़ी का भ्रमण किया गया था। उनके द्वारा विद्यालय के वार्षिक कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया गया। विद्यालय प्रबंधन द्वारा जिलाधिकारी को यह अवगत कराया गया कि पूर्व में इस विद्यालय के तीन छात्रों ने स्पेशल ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया, तथा पदक भी अर्जित किए गए थे। विद्यालय प्रबंधन ने मांग की कि उनके छात्रों के इस प्रदर्शन के लिए उन्हें प्रोत्साहन एवं सम्मान दिया जाएं।
उक्त के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने विशेष प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण विभाग उत्तराखंड एवं सचिव समाज कल्याण उत्तराखंड शासन को पत्र लिखकर मंगलदीप विद्यालय के इन तीनों छात्रों के लिए उचित सम्मान एवं प्रोत्साहन देने की मांग की है। साथ ही पत्र में कहा गया कि दिव्यांग छात्रों के लिए भी उचित व्यवस्था बनाई जाएं। अपने पत्र में जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान परिदृष्य में खेल प्रतियोगिताओं में अपार संभावनाओं के दृष्टिगत जनपद मुख्यालय, अल्मोड़ा अन्तर्गत स्थान खत्याड़ी में विशेष बच्चों के लिए मंगलदीप विद्यालय समिति द्वारा दिव्यांग बच्चों हेतु विद्यालय का संचालन किया जा रहा है।
इस संस्था द्वारा अपने सीमित संसाधनों से बच्चों को शिक्षित किए जाने के साथ ही कौशल विकास अन्तर्गत उन्हें खेलकूद आदि क्षेत्रों में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे निम्नांकित विद्यार्थियों द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्पेशल ओलंपिक (भारत) द्वारा आयोजित खेल प्रतिस्पर्धा में प्रतिभाग किया गया एवं मेडल प्राप्त किए गए –
1- रक्षिता पंत स्वर्ण पदक (शंघाई, चीन 2007)
2- अर्चना जोशी रजत एवं कांस्य पदक (एथेंस 2011)
3- राजू कनवाल रजत एवं कांस्य पदक (एथेंस 2011)
अतः उपरोक्त के आलोक में उक्त उल्लिखित दिव्यांग बच्चों द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्पेशल ओलंपिक (भारत) में किए गए प्रदर्शन के दृष्टिगत उनके प्रोफाइल की प्रतियां भी पत्र के साथ भेजी गई है, तथा पत्र में अनुरोध किया गया है कि इस प्रकार के दिव्यांग बच्चों हेतु भी विभिन्न प्रकार के खेलों में पदक प्राप्त करने/प्रतिभाग करने पर उनके व्यापक हित में उन्हें पुरस्कार प्रदान किए जाने एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराए जाने हेतु यथोचित कार्यवाही करने की व्यवस्थाएं की जाएं।