बच्चों को सिखाई जाएगी कुमाऊँनी-गढ़वाली: 18 अप्रैल से बासोट में शुरु होंगी सांस्कृतिक भाषा कक्षाएं।

भिकियासैंण। उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच दिल्ली के सहयोग से अपनी मातृभाषा, दुदबोलि कुमाऊँनी के संरक्षण, संवर्धन के उद्देश्य से ग्रीष्मकालीन कुमाऊँनी, गढ़वाली भाषा की सांयकालीन कक्षाओं का संचालन 18 अप्रैल 2025 से 23 मई तक शांय 5 बजे से 06:30 बजे तक सप्ताह में तीन दिन सी.आर.सी. केन्द्र बासोट में किया जाएगा। कुमाऊँनी कक्षा के संयोजक कृपाल सिंह शीला स.अ. द्वारा जानकारी दी गई है। इन कक्षाओं में प्रतिभाग लेने वाले बच्चों को शिक्षण सामग्री (किट) उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच दिल्ली द्वारा प्रदान की जाएगी। सीमित कुमाऊँनी भाषा में रुचि रखने वाले बच्चों की यह कुमाऊँनी भाषा की कार्यशाला होगी। संयोजक कृपाल सिंह शीला ने सभी बच्चों से समय से सम्पर्क कर अपनी प्रतिभागिता की सूचना से अवगत कराने का निवेदन किया है। इस कुमाऊँनी कक्षा के माध्यम से कुमाऊँनी वंदना, साहित्य संस्कृति, कुमाऊँनी में सामान्य बोलचाल, यहां के मेले, स्थानीय त्यौहार, यहां का खान-पान, पहनावा, स्थानीय दर्शनीय स्थल, कुमाऊँनी गीत, लोकगीत, झोड़े, कुमाऊँनी का सहज पठन, लेखन आदि का अभ्यास कराया जाएगा। इन कक्षाओं के संचालन के पीछे अपनी पहचान, अपनी दुदबोलि, मातृभाषा, अपनी साहित्य संस्कृति को बढ़ावा व संरक्षण प्रदान करना है।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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