महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय नानकमत्ता में हरेला पर्व पर “वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम” का हुआ भव्य आयोजन।

नानकमत्ता (उधम सिंह नगर)। उत्तराखंड की सांस्कृतिक चेतना और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को समर्पित हरेला पर्व के शुभ अवसर पर महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय नानकमत्ता में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के तत्वावधान में एक वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर की थीम थी कि “हरेला का त्यौहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ” जो समाज को पर्यावरण-संरक्षण के प्रति सजग रहने और प्रकृति से अपने संबंध को पुनर्स्थापित करने की प्रेरणा देती है।

प्राचार्य प्रो. अंजला दुर्गापाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हरेला पर्व केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि हमारी लोक-चेतना में गहराई से रचा-बसा ऐसा पर्व है जो हमें हमारी धरती माता के साथ आत्मीय संबंध की स्मृति कराता है। वृक्षारोपण हमारे सांस्कृतिक संस्कारों और आधुनिक समय की अनिवार्य आवश्यकता – दोनों का समन्वय है। जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिक असंतुलन के इस युग में ऐसे आयोजनों का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। एक वृक्ष लगाने का कार्य भविष्य के प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का प्रतीक है। मैं विशेष रुप से हमारे विद्यार्थियों और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को बधाई देती हूँ, जो इस पुनीत प्रयास में सक्रिय भागीदार बने हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारा महाविद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि सामाजिक एवं पर्यावरणीय चेतना का भी वाहक है। हर विद्यार्थी यदि एक वृक्ष भी ईमानदारी से रोपे और उसका संरक्षण करें तो हम आने वाले वर्षों में व्यापक हरियाली युक्त धरा का निर्माण कर सकते हैं।

एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रवि जोशी ने कहा कि हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह एक चेतना है – जीवन की, पुनरुत्थान की, और उत्तरदायित्व की। “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे अभियान हमारे वृक्षारोपण प्रयासों को भावनात्मक और सांस्कृतिक गहराई प्रदान करते हैं। यह नारा केवल प्रतीक नहीं, बल्कि उस आत्मीय संबंध की अभिव्यक्ति है, जो हम धरती माता के प्रति अनुभव करते हैं। एक वृक्ष लगाकर हम न केवल पर्यावरण की सेवा करते हैं, बल्कि भावनात्मक रुप से भी एक संतुलित समाज की नींव रखते हैं। उनका कहना था कि आज जब प्राकृतिक संसाधन सीमित होते जा रहे हैं, और मनुष्य प्रकृति से दूर होता जा रहा है, तब हमें ऐसे पर्वों के माध्यम से युवाओं को पुनः प्रकृति से जोड़ने की आवश्यकता है। वृक्षारोपण जैसे प्रयासों के माध्यम से हम समाज में हरियाली के साथ-साथ संवेदना और सामाजिक सहभागिता भी रोप रहे हैं।

इस अवसर पर सभी उपस्थित जनों ने यह संकल्प लिया कि वे न केवल वृक्ष लगाएंगे, बल्कि उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए भी नियमित प्रयास करेंगे। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. निवेदिता अवस्थी, डॉ. ममता सुयाल, डॉ. ललित सिंह बिष्ट, डॉ. स्वाति लोहनी, डॉ. मंजुलता जोशी, डॉ. शशि प्रकाश सिंह, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. निशा आर्या, डॉ. आशा गढ़िया, डॉ. दर्शन सिंह मेहता, महेश कन्याल, राम जगदीश सिंह, विपिन थापा, सुनील कुमार तथा महाविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवक मनीषा, अनन्या, रोशनी कौर, सुनीता कौर, ज्योति कौर, गुरप्रीत कौर, कोमल कौर, सौरभ मनराल, मोहित राणा, अभय राणा आदि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. निशा आर्या ने किया।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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