हिंदी दिवस पर प्रभा बिष्ट ने रची प्रेरणादायक कविता।
भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। हिंदी दिवस के पावन अवसर पर जनता इंटर कॉलेज बाजन ग्राम धमेड़ा, भिकियासैंण की सहायक अध्यापिका प्रभा बिष्ट ने हिंदी भाषा के महत्व पर एक प्रेरणादायक कविता रची। इस कविता में हिंदी भाषा की शुद्धता, सरलता, मधुरता और उसकी राष्ट्र भाषा के रुप में गरिमा को उजागर किया गया है। प्रभा बिष्ट ने लोगों को हिंदी भाषा को जन-जन तक पहुँचाने और अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया है।
प्रभा बिष्ट द्वारा रचित कविता इस प्रकार है:
आओ हिंदी दिवस मनाए।
हिंदी को जन-जन तक पहुचाएं।।
हिंदी शान है हमारी।
हिंदुस्थान की पहचान है हिन्दी।।
इसको ना बिसराएं।
आओ हिंदी दिवस मनाएं।।
जननी संस्कृत की आत्मजा है हिन्दी।
हिसुमधुर, शिष्ट, और संस्कारी है हिन्दी।।
बड़ों के आदर, छोटों से वात्सल्यपूर्ण है हिंदी।
आओ हिंदी दिवस मनाएं।।
अ अज्ञानी से शुरु करके।
ज्ञ ज्ञानी बनाकर ही रुकती है हिंदी।।
सीखें भाषा कोई भी आप,
पर निज भाषा निज गौरव का मान रखें।
आओ हिंदी दिवस मनाएं।।
आज अपनों के बीच में ही।
अपने लिए तरस रही है हिंदी।
हिंदी शुद्ध, सरल, रस छंदों से भरी है।।
इसका तिरस्कार कभी ना करना।
आओ हिंदी दिवस मनाएं।।
राज भाषा से बढ़कर राष्ट्र भाषा इसे बनाना है।
हिंदी का परचम विश्व भर में लहराए।।
यही चाह हम जन-जन तक पहुचाएं।
आओ हिंदी दिवस मनाएं।।
।। जय हिंदी।।
प्रभा बिष्ट ने स्पष्ट किया कि हिंदी भाषा न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि यह हमें अपने इतिहास, साहित्य और परंपरा से भी जोड़ती है। उन्होंने यह संदेश दिया कि हिंदी को अपनाकर हम अपने देश की अस्मिता को और भी ऊँचा उठा सकते हैं।
इस विशेष कविता के माध्यम से उन्होंने समस्त समाज को हिंदी के प्रति प्रेम और सम्मान बढ़ाने की प्रेरणा दी।
रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

















