अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस: बेटियों के अधिकार, शिक्षा और सशक्तिकरण का वैश्विक संदेश।
अल्मोड़ा। आज ही के दिन अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। जो लड़कियों के अधिकारों, शिक्षा और सशक्तिकरण के बारे में जागरुकता फैलाता है। इस दिन का उद्देश्य लड़कियों के सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों को पहचानना और उनके समाधान के लिए वकालत करना है।
बालिकाओं को समर्पित यह दिन उनकी तारीफ करने और उनको यह बताने के लिए मनाया जाता है कि वे कितनी खास हैं। यह दिन बेटियों के लिए जागरुकता बढ़ाने और समानता को प्रोत्साहित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस दिन को मनाने का मतलब लोगों को जागरुक करना है कि लड़कियों को भी लड़कों की तरह समान अधिकार और अवसर मिलने चाहिए।
यह दिन वैश्विक स्तर पर लड़कियों के अधिकारों, शिक्षा और सशक्तिकरण की वकालत करता है। इसे मनाने की शुरुआत यूनाइटेड नेशन ने 2012 में की थी। इस दिन को मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य था – लड़कियों के विकास के लिए अवसरों को बढ़ाना और लड़कियों की दुनिया भर में कम होती संख्या के प्रति लोगों को जागरुक करना, जिससे कि लिंग असमानता को खत्म किया जा सके।
जानें इसका इतिहास:
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर 2011 को इस बारे में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें बालिकाओं के अधिकारों एवं विश्व की उन अद्वितीय चुनौतियों का, जिनका कि वह मुकाबला करती हैं, को मान्यता देने के लिए 11 अक्टूबर 2012 को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया।
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की प्रेरणा कनाडियाई संस्था प्लान इंटरनेशनल के “बिकॉज आई एम ए गर्ल” (Because I Am A Girl) अभियान से मिली। इस अभियान के तहत वैश्विक स्तर पर लड़कियों के पोषण के लिए जागरुकता फैलाई जाती थी।
रिपोर्टर- रिया सोलीवाल














