राज्य की रजत जयंती में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री देंगे नई ऊर्जा, विशेष सत्र तैयार करेगा उत्तराखंड का नया ‘लक्ष्य पथ’।
देहरादून। उत्तराखंड अपने स्थापना दिवस 09 नवम्बर 2025 को रजत जयंती वर्ष के रुप में मनाने जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्य सरकार ने भविष्य की दिशा तय करने के लिए एक विशेष विधानसभा सत्र आयोजित करने की तैयारी की है। इस सत्र की गरिमा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति से और अधिक बढ़ जाएगी।
राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में तीन और चार नवम्बर को आयोजित होने वाला यह दो दिवसीय विशेष सत्र अब तक का सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर राज्य के पिछले 25 वर्षों की यात्रा का मूल्यांकन करेंगे और आने वाले दशकों के लिए साझा विकास रणनीति तैयार करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सत्र उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा, “यह हम सभी उत्तराखंडवासियों के लिए गौरव का क्षण है। हमारा उद्देश्य है कि सभी दलों के सुझावों के आधार पर ऐसा ‘लक्ष्य पथ’ तैयार किया जाए जो राज्य को समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाए।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के इस विशेष सत्र में शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 09 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के मुख्य समारोह में भाग ले सकते हैं। शीर्ष नेतृत्व की यह उपस्थिति राज्य के लिए प्रेरणा का बड़ा स्रोत मानी जा रही है।
इस आयोजन को भव्य रुप देने के लिए शासन-प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। विशेष सत्र में होने वाला विमर्श और उसके निष्कर्ष, उत्तराखंड के आने वाले भविष्य की नींव रखने में अहम भूमिका निभाएंगे।
रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

















