राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी शहर, किशनपुर, गौलापार में रजत जयंती वर्ष पर हुआ भव्य आयोजन।

संस्कृति, लोककला और शिक्षा के संग मनाया गया उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस।

हल्द्वानी (नैनीताल)। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती (25वीं वर्षगांठ) के उपलक्ष्य में हल्द्वानी शहर, किशनपुर, गौलापार में तीन दिवसीय भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं विविध प्रतियोगिताओं की श्रृंखला का समापन हुआ। यह आयोजन राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा, लोककला और साहित्यिक चेतना को समर्पित रहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. संजय कुमार द्वारा दीप प्रज्वलन एवं माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया गया। उद्घाटन सत्र में छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे वातावरण को सुरमय बना दिया।

मुख्य अतिथि समाजसेवक नित्यानंद पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि “राज्य की स्थापना केवल भौगोलिक परिवर्तन नहीं, बल्कि यह उत्तराखंडवासियों की सामूहिक आकांक्षाओं और संघर्षों का प्रतीक है।” उन्होंने युवाओं से राज्य के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान किया।

मुख्य वक्ता डॉ. डी. सी. पांडे, डॉ. प्रकाश मठपाल और डॉ. भारती ने राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास पर अपने विचार साझा किए।
डॉ. डी. सी. पांडे ने राज्य निर्माण में शिक्षा की भूमिका पर बल दिया।
डॉ. प्रकाश मठपाल ने कहा कि “राज्य की वास्तविक पहचान उसकी संस्कृति और लोककला में निहित है।”
डॉ. भारती ने उत्तराखंड की महिलाओं की भूमिका और समाज में उनके योगदान को रेखांकित किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष अंशु ने किया, जबकि डॉ. कंचन, डॉ. किरण और डॉ. भारती ने तीनों दिनों के आयोजन का सफल संयोजन किया।

कार्यक्रम के अंतर्गत ऐपण प्रतियोगिता, पोस्टर निर्माण, निबंध लेखन और एकल नृत्य प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई। छात्राओं ने उत्तराखंड की लोकसंस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियाँ दी, जिनमें झोड़ा नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। ऐपण प्रतियोगिता में पारंपरिक लोककला की सुंदर झलक देखने को मिली।

निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने “उत्तराखंड राज्य के 25 वर्ष: उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

पुरस्कार वितरण सत्र में विजेताओं को प्राचार्य प्रो. संजय कुमार एवं अन्य अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए गए।
अपने संबोधन में प्राचार्य ने कहा कि “राज्य स्थापना दिवस हमें अपनी जड़ों से जोड़ने और उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का अवसर प्रदान करता है।”

कार्यक्रम में समस्त प्राध्यापकगण, छात्र-छात्राएं एवं महाविद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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