राजकीय महाविद्यालय मालधनचौड़ नैनीताल में मनाया गया विश्व एड्स दिवस।
मालधनचौड़ (नैनीताल) राजकीय महाविद्यालय मालधनचौड़ नैनीताल में प्राचार्या डॉ. सुशीला सूद के निर्देशन में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. मनोज कुमार द्वारा विश्व एड्स दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करवाया साथ ही उन्होंने कहा कि एड्स दिवस पर जागरुकता के लिए हर वर्ष एक नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इसके तहत इस साल 2023 की थीम Let Communities Lead है। इसका मतलब है, कि बीमारी से प्रभावित समुदायों को नेतृत्व करने की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना है। पहली बार विश्व एड्स दिवस 1988 में मनाया गया था। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरुक करना होता है। यह एक जानलेवा बीमारी है और दुनियाभर में एड्स के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. विवेक चौहान (प्र. चिकित्साधिकारी), डॉ. जितेंद्र बिष्ट (डेंटिस्ट) राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मालधनचौड़ नैनीताल ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की साथ ही डॉ. विवेक चौहान ने विश्व ए़ड्स दिवस पर स्वयंसेवियों को एचआईवी संक्रमण से होने वाली जानलेवा बीमारी एड्स के बारे में जानकारी दी साथ ही बताया कि इसका मकसद बीमारी के खिलाफ दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने, एचआईवी से पीड़ित लोगों के साथ समर्थन दिखाने, एड्स से मरने वालों को याद करने और नए संक्रमणों को रोकने के खिलाफ जागरुकता फैलाना है। एड्स का कारण है एचआईवी या ह्यूमन इम्युनोडिफेशिएंसी वायरस। ये वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और उसे इतना कमजोर कर देता है कि शरीर दूसरा कोई संक्रमण या बीमारी झेलने के काबिल नहीं बचता। अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो ये आगे चलकर AIDS बन जाता है। दुनिया भर में फिलहाल इसका पुख्ता इलाज नहीं है लेकिन कुछ दवाओं के जरिए मरीज का इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनाए रखा जाता है ताकि वो जिंदा रह सकें।
कार्यक्रम में प्रोफेसर डॉ. जी. सी. पंत ने विश्व एड्स दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए और बताया कि AIDS को लेकर हमारे समाज में सालों से कई मिथक चले आ रहे हैं जिसकी वजह से इस बीमारी से पीड़ित लोगों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। इन मिथकों को दूर करने और मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए प्रोत्साहन करने के लिए ही दुनियाभर में एड्स के प्रति जागरुकता अभियान चलाए जा रहे है।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्या डॉ. सूद ने कहा कि पिछले कई सालों से दुनियाभर में एड्स दिवस मनाया जा रहा है। यह एक जानलेवा बीमारी है। ऐसे में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए इसे मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य दुनियाभर से इसे जड़ से खत्म करना है। साथ ही सरकार को इस बीमारी के लिए दवाइयों और मौतों की संख्या को कम करना है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. आनंद प्रकाश, प्रो. प्रदीप चंद्र, कपिल कुमार, लीलाधर पपनै, मो. नफीस, शुभम ठाकुर, जगदीश चंद्र व जसवंत सिंह और टीम लीडर सचिन, अंजली, अनंत शर्मा, रोहित कुमार आदि उपस्थित रहे।