सीबीसी नैनीताल में हिंदी पखवाड़ा के तहत प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन।

नैनीताल। देश भर में मनाए जा रहे हिंदी पखवाड़ा के तहत केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) नैनीताल में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और निर्णायक की तौर पर प्रोफेसर नीरजा टण्टन ने कहा कि भाषा संस्कृति से पैदा और मजबूत होती है, जितनी विविधता संस्कृति में होगी, उतनी ही विविधता वहां की भाषा में झलकेगी।

उन्होंने कहा कि कृत्रिम बौद्धिकता (AI) के दौर में अपनी भाषा को बचाए रखने की नई तरह की चुनौतियां हैं, ऐसे में एआई को मौका समझकर हमें अपनी भाषा की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण सीबीसी नैनीताल के कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां रहीं। भास्कर जोशी के एकल मंचन भाषा को समृद्ध करने के लिए सरकारी प्रयासों के अतिरिक्त सामाजिक और व्यक्तिगत प्रयास की आवश्यकता को दर्शाता हुए नाटक का एकल मंचन प्रस्तुत किया गया, जिसका शीर्षक है “हम हिंदी के प्रेमी है।”

शर्मिष्ठा बिष्ट ने हिंदी पर स्वरचित गीत का गायन भी किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्रद्धा गुरुरानी तिवारी ने हिंदी पर भाषण प्रस्तुत किया। शोभा चारक और डॉ. दीपा जोशी ने कविता पाठ किया। आनंद सिंह व गोपेश बिष्ट ने राजकाज में हिंदी के प्रयोग के इतिहास विषय पर भाषण प्रस्तुत किया। भूपेंद जड़ौत ने कुमाऊंनी गीत गाकर सभी को अपने साथ झूमने पर मजबूर कर दिया।

निर्णायक के तौर पर उपस्थित प्रोफेसर टण्डन ने कहा कि अलग-अलग विधाओं में सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुतियां इतनी शानदार रहीं कि प्रथम, द्वितीय का निर्णय करना बहुत कठिन हो गया है, सभी की प्रस्तुतियां एक से बढ़कर एक रहीं, ऐसे में सभी प्रतिभागियों को समान रुप से पुरस्कृत किया जाता है।

कार्यक्रम में शामिल हुए राजकीय प्राथमिक विद्यालय, वेवरली कंपाउंड के विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया, साथ ही हिंदी पर सुलेख भी लिखा। प्रधानाचार्या पुष्पा बिष्ट ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा में ही हिंदी का महत्व ज्यादा दिया जाना चाहिए।

क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नीरज कुमार भट्ट ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर टण्डन ने कार्यालय परिसर में एक पेड़ माँ के नाम लगाकर की, उन्होंने कहा कि 16 सितंबर से 30 सितंबर के बीच सभी सरकारी कार्यालयों में हिंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी कामकाज में हिंदी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना है।

कार्यक्रम में दीवान सिंह, राजेश नारायण सोनकर आदि उपस्थित रहे। अंत में कार्यक्रम संयोजक डॉ. दीपा जोशी ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद किया।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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