नारी चेतना की प्रतीक हैं: महादेवी वर्मा।
भवाली/रामगढ़। कवयित्री महादेवी वर्मा के 38वें स्मृति-दिवस पर कुमांऊ विश्वविद्यालय की महादेवी वर्मा सृजन पीठ द्वारा राजकीय महाविद्यालय रामगढ़ में महादेवी वर्मा की कविताओं की सस्वर-पाठ प्रतियोगिता एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
दीप प्रज्वलन और स्वागत संगीत:
सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन व महादेवी वर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
छात्रा पायल रावत के संयोजन में महाविद्यालय की छात्राओं ने कुलगीत, सरस्वती वंदना तथा स्वागत गीत प्रस्तुत किए।

मुख्य वक्ताओं के विचार:
वरिष्ठ अनुवादक एवं छायाकार विपिन शुक्ला ने कहा कि महादेवी वर्मा का हिंदी साहित्य जगत में विशिष्ट स्थान है।छायावाद की प्रमुख स्तम्भ होने के साथ ही वह बीसवीं सदी की भारतीय नारी चेतना की प्रतीक हैं। महादेवी की रचनाओं में स्थानीय पात्र जिस व्यापकता के साथ मुखर हुए हैं, वह उनका स्थानीय परिवेश से जुड़ाव दर्शाता है।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. माया शुक्ला ने बताया कि महादेवी वर्मा की साहित्यिक देन को भुलाया नहीं जा सकता। उनके साहित्य में प्रेम, वेदना और परोपकार के भाव स्पष्ट रुप से देखे जा सकते हैं।
प्राध्यापक डॉ. संध्या गड़कोटी ने कहा कि महादेवी वर्मा आधुनिक हिंदी साहित्य जगत की पहली नारीवादी लेखिका मानी जा सकती हैं। रहस्य व करुणा की कवयित्री महादेवी वर्मा की करुणा सामान्य जन की करुणा है।
स्वागत संबोधन और कार्यक्रम का उद्देश्य:
महादेवी वर्मा सृजन पीठ के समन्वयक मोहन सिंह रावत ने कहा कि कुमांऊ विश्वविद्यालय समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों में साहित्यिक जागरूकता और रचनात्मक प्रतिभा को प्रोत्साहित करता है। विद्यार्थी साहित्य, कला, संगीत आदि रचनात्मक क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं।
राजकीय महाविद्यालय रामगढ़ के प्राचार्य डॉ. नगेन्द्र द्विवेदी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों में प्रतियोगिता की भावना और प्रमुख साहित्यकार के व्यक्तित्व-कृतित्व को जानने का अवसर प्रदान करता है।
उद्यानपंडित विक्रम सिंह नेगी, हरेश राम, नीमा पंत आदि ने भी कार्यक्रम में संबोधन किया।
सस्वर-पाठ प्रतियोगिता:
महादेवी वर्मा की कविताओं की सस्वर-पाठ प्रतियोगिता में राजकीय महाविद्यालय रामगढ़ की 11 छात्राओं ने भाग लिया।
● प्रथम पुरस्कार – गरिमा आर्या
● द्वितीय पुरस्कार – ललिता रावत
● तृतीय पुरस्कार – यमुना गोस्वामी
● सांत्वना पुरस्कार – पलक, पूजा और दीपशिखा
विजयी छात्राओं को ट्रॉफी, प्रमाण-पत्र और पुरस्कार राशि प्रदान की गई।

कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ. हरीश चन्द्र जोशी एवं डॉ. निर्मला रावत ने संयुक्त रुप से किया।
इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य ललित आर्य, कविन्द्र प्रसाद, कुन्दन गोस्वामी, बहादुर सिंह कुँवर, ललित नेगी सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
रिपोर्टर- रिया सोलीवाल






















