निफ्टेम टीम ने महिलाओं को मूल्य वर्धित खाद्य उत्पाद निर्माण का दिया प्रशिक्षण, बढ़ेगी स्वरोजगार की दिशा।

भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। सल्ट के उप तहसील मछोड़ के मौलेखी गाँव में ग्रामीण अंगीकरण कार्यक्रम के 9वें दिवस के अंतिम दिन निफ्टेम कुंडली–हरियाणा की टीम ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मूल्य वर्धित खाद्य उत्पाद निर्माण का विस्तृत प्रशिक्षण दिया। यह पूरा कार्यक्रम मेंटर डॉ. विकास सुरलिया और सह-मेंटर पूजा के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। टीम में आदर्श माहुरकर, विशाल, मारुत नंदन, धनस्वी कतोरे, नैन्सी, खुशी वर्मा, नंदिता रंजन, वूमिका, किरण, आर्यन ठाकुर, खुशी शर्मा, विदुषी, स्पर्श और साहिल शामिल रहे।

प्रशिक्षण की शुरुआत स्वयं सहायता समूह प्रमुख पुष्पा भट्ट और उनकी टीम को माल्टा स्क्वैश बनाने की पूरी प्रक्रिया सिखाने से हुई। इसमें शुगर सिरप की तैयारी, फिल्ट्रेशन, पैकिंग और हाइजीनिक प्रथाओं को सरल तरीके से समझाया गया। इसके बाद स्थानीय लखौरी मिर्च से हॉट एंड सॉर शेज़वान सॉस बनाने का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें मसाला मिश्रण, गाढ़ापन नियंत्रण, उबालने की विधि और शेल्फ लाइफ पर विशेष ध्यान दिया गया।

इसके पश्चात टीम ने रागी इंस्टेंट इडली मिक्स का लाइव डेमो प्रस्तुत किया। सामग्री के अनुपात, पोषक तत्वों और बाज़ार में इसकी बढ़ती मांग पर ग्रामीणों को जागरुक किया गया। साथ ही आंवला कैंडी बनाने की पूरी प्रक्रिया — कटिंग, ब्लांचिंग, शक्कर में रखना, सुखाना और स्टोरेज विस्तार से सिखाई गई। सभी उत्पादों की पैकेजिंग, लागत गणना, शेल्फ लाइफ और मार्केटिंग तकनीकों पर भी मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

टीम ने महिलाओं को चिली सॉस, कैंडीज़ और रागी इडली मिक्स के लिखित एवं व्यावहारिक फॉर्मूले भी उपलब्ध कराए, ताकि वे स्वयं उत्पादन शुरु कर स्थानीय स्तर पर उद्यम स्थापित कर सकें। इसके बाद निफ्टेम टीम ने उत्तराखंड ग्रामीण बैंक (SBI प्रायोजित) के बैंक प्रबंधक से मुलाकात कर क्षेत्र में वित्तीय पहुंच और सरकारी योजनाओं की स्थिति की जानकारी ली।

बैंक के अनुसार —
● मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में अब तक कोई पंजीकरण नहीं हुआ।
● किसान क्रेडिट कार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2025–26 में 20–25 पंजीकरण हुए।
● कृषि टर्म लोन के 4–5 आवेदन प्रक्रिया में हैं।
● प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कुछ ग्रामीणों ने वाहन खरीदे हैं।
● फसल बीमा योजना का लाभ ग्रामीण उठा रहे हैं।
● गृह निर्माण ऋण न मिल पाने का कारण गाँव की भूमि का पक्की श्रेणी में न होना बताया गया।

कार्यक्रम का अंतिम दिन ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं के लिए अत्यंत उपयोगी रहा। निफ्टेम टीम ने न केवल खाद्य उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण दिया, बल्कि ग्रामीणों को उद्यमिता, बैंकिंग योजनाओं और स्वरोजगार की दिशा में भी प्रेरित किया।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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