प्रधानमंत्री मोदी बोले — इंतज़ार नहीं, आगे बढ़ो, 2047 तक विकसित उत्तराखंड बनेगा आध्यात्मिक राजधानी।

8260 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण, मुख्यमंत्री धामी बोले — विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड का संकल्प।

देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून पहुंचे। एफआरआई परिसर में आयोजित मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री ने 8260 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। उन्होंने राज्य की 25 वर्षों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए अगले 25 वर्षों के लिए विकसित उत्तराखंड का रोडमैप प्रस्तुत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने गढ़वाली और कुमाउनी भाषा में प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि 9 नवंबर का दिन उत्तराखंड की तपस्या, परिश्रम और आत्मगौरव का प्रतीक है। उन्होंने राज्य आंदोलन के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि यह पर्व प्रत्येक उत्तराखंडी के गर्व का दिन है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उत्तराखंड का गठन किया था, तब संसाधन सीमित थे, लेकिन आज राज्य ने विकास के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। “राज्य का बजट 4 हजार करोड़ से बढ़कर अब एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुँच गया है। बिजली उत्पादन चार गुना और सड़क नेटवर्क दोगुना हुआ है। पहले छह महीने में जितने यात्री हवाई सेवाओं का उपयोग करते थे, अब उतने एक दिन में उड़ान भरते हैं।”

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने चिकित्सा, शिक्षा, उद्योग और पर्यटन में लंबी छलांग लगाई है — “एक मेडिकल कॉलेज से अब दस मेडिकल कॉलेज हो चुके हैं, इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या भी बढ़ी है, और वैक्सीन कवरेज हर गाँव तक पहुँच चुका है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था का इंजन अब कनेक्टिविटी है। “दो लाख करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है — ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लाइन, दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे, गौरीकुंड–केदारनाथ और गोविंदघाट–हेमकुंड साहिब रोपवे जैसी योजनाएँ राज्य को नई गति देंगी।”

उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड को अगले 25 वर्षों का स्पष्ट रोडमैप बनाना है। “अगर उत्तराखंड ठान ले, तो वह विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बन सकता है। यहाँ के मंदिर, योग परंपरा और आश्रमों को ग्लोबल नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है। हर विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र और हर जिले में ‘वन डिस्ट्रिक्ट–वन फेस्टिवल’ की अवधारणा अपनाई जाए।”

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार की पहलों की सराहना करते हुए कहा कि “विंटर टूरिज्म, ईको टूरिज्म और वेडिंग डेस्टिनेशन” के क्षेत्र में नई संभावनाएँ खुली हैं। “बाबा केदार के धाम में अब सत्रह लाख श्रद्धालु पहुँच रहे हैं और आदि कैलाश में पर्यटकों की संख्या तीस हजार तक पहुँच चुकी है।”

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के स्थानीय उत्पाद वोकल फॉर लोकल अभियान से जुड़े हैं — “राज्य के 15 उत्पादों को जीआई टैग मिला है। बेडू फल और ब्रदी घी को हाल में जीआई टैग मिलना गौरव की बात है। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड से राज्य के उत्पाद अब वैश्विक बाजार तक पहुँच रहे हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार की सराहना करते हुए कहा कि “समान नागरिक संहिता लागू कर उत्तराखंड ने पूरे देश के लिए मिसाल पेश की है। धर्मांतरण विरोधी और दंगारोधी कानून राष्ट्रहित में साहसिक कदम हैं।”
अपने संबोधन का समापन उन्होंने “वंदे मातरम्” के उद्घोष के साथ किया।

मुख्यमंत्री धामी बोले — विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि “भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा निर्मित उत्तराखंड, वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड’ के मंत्र पर चलकर आत्मनिर्भर बनेगा।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, G-20 सम्मेलन और राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से विश्व पटल पर नई पहचान बनाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ त्रासदी, जोशीमठ भू-धंसाव या सिलक्यारा टनल हादसे के समय प्रधानमंत्री ने हर बार राज्य को मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक अस्मिता, पारंपरिक पहचान और जनसांख्यिकीय संतुलन को बनाए रखने के लिए कार्यरत है।
समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण विरोधी, दंगारोधी और नकल विरोधी कानूनों सहित कई अहम निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिए गए हैं।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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