सरकार की अनदेखी के बावजूद बागजाला ग्रामीणों का आन्दोलन 83वें दिन भी रहा जारी।

हल्द्वानी (नैनीताल)। हल्द्वानी गौलापार क्षेत्र के बागजाला के ग्रामीणों का गाँव बचाने और बसाने की मांग को लेकर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को 83वें दिन भी जारी रहा।
यह आन्दोलन अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला के नेतृत्व में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किया जा रहा है।

ग्रामीणों की प्रमुख मांगों में गाँव को राजस्व ग्राम घोषित करना, पंचायत चुनावों में मताधिकार की बहाली, निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटाना, जल जीवन मिशन के अधूरे कार्यों को पूरा करना, तथा आवारा गौवंश से सुरक्षा हेतु सरकारी स्तर पर व्यवस्था सुनिश्चित करना शामिल हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की अनदेखी और वादाखिलाफी के बावजूद वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।

धरने को संबोधित करते हुए किसान महासभा की अध्यक्षा डॉ. उर्मिला रेंशवाल ने कहा कि यह आन्दोलन “गाँव बचाओ–गाँव बसाओ” के सिद्धांत पर आधारित है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आंदोलन को कमजोर करने के लिए गाँव के ही लोगों को भ्रमित कर रही है।
डॉ. रेंशवाल ने कहा कि ग्रामीण वन, नजूल और सरकारी जमीनों से पीढ़ियों से निवास कर रहे नागरिकों को बेदखल करने की नीति का विरोध कर रहे हैं और एकजुट होकर अपने मालिकाना अधिकार प्राप्त कर के रहेंगे।

धरने का संचालन अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला के सदस्य मो. सुलेमान मलिक द्वारा किया गया।

धरने में अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी, हरक सिंह बिष्ट, उर्मिला रेंशवाल, दीवान सिंह बरगली, दौलत सिंह, मीना भट्ट, गोपाल सिंह बिष्ट, चंद्र प्रकाश, भोला सिंह, हेमा देवी, तुलसी देवी, आशा देवी, जीवन चंद्र आर्य, दिनेश चंद्र, रफ़ी मोहम्मद, नासीन, माया गुरुंग, जेबुन निशा, रेशमा, हेमा आर्य, सुनीता, सिद्धार्थ, मुन्नी देवी सहित कई ग्रामीण शामिल रहे।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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