राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी शहर, किशनपुर, गौलापार में मनाया गया जनजातीय गौरव दिवस।

हल्द्वानी (नैनीताल)। राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी शहर, किशनपुर, गौलापार में एनएसएस इकाई और रेडक्रॉस इकाई के संयुक्त तत्वावधान में जनजातीय गौरव दिवस उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. संजय कुमार ने की। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की संस्कृति, संघर्ष और योगदान भारतीय इतिहास का अभिन्न हिस्सा हैं और नई पीढ़ी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. अर्चना जोशी ने किया।
हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. डी. सी. पाण्डेय ने जनजातीय ज्ञान परंपरा पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए बताया कि आदिवासी समाज प्रकृति-आधारित जीवन, सामुदायिक सहयोग और मौलिक ज्ञान प्रणालियों के लिए जाना जाता है।

डॉ. आशीष ने जनजातीय जीवन के सांस्कृतिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनजातीय संगीत, लोकनृत्य, कला और पारंपरिक रीति-रिवाज़ भारतीय सांस्कृतिक विविधता की अनमोल धरोहर हैं।

इस अवसर पर डॉ. अर्चना जोशी ने जनजातीय नायकों के योगदान पर जानकारी दी और बिरसा मुंडा सहित अनेक महान आदिवासी नेताओं की ऐतिहासिक भूमिकाओं को रेखांकित किया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र–छात्राओं एवं संकाय सदस्यों ने सहभागिता की और जनजातीय परंपराओं व संस्कृति को संरक्षित रखने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षकगण डॉ. पी. सी. मठपाल, डॉ. किरण, डॉ. गौरव, डॉ. भारती, डॉ. कंचन, डॉ. सुरुचि, डॉ. रीमा, डॉ. पूजा, डॉ. सुरेश जोशी उपस्थित रहे और उन्होंने जनजातीय समाज के गौरवशाली योगदान पर अपने विचार साझा किए।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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