राजकीय महाविद्यालय शीतलाखेत में धूमधाम से मनाया गया उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस।
शीतलाखेत (अल्मोड़ा)। उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने के गौरवपूर्ण अवसर पर राजकीय महाविद्यालय शीतलाखेत, अल्मोड़ा में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस रजत जयंती उत्सव बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड की संस्कृति, विकास यात्रा और समृद्ध विरासत को स्मरण करते हुए विविध सांस्कृतिक एवं रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय जनता एवं छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना से किया गया। इसके उपरांत स्वागत गीत, समूह नृत्य, एकल गायन और पारंपरिक कुमाउनी ‘झोड़ा’ नृत्य की शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
डॉ. प्रकाश चंद्र जांगी ने “उत्तराखंड राज्य के 25 वर्ष : उपलब्धियां एवं चुनौतियां” विषय पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि अब राज्य को संतुलित विकास की दिशा में कार्य करना होगा ताकि पर्यावरण संरक्षण और प्रगति दोनों समान रुप से संभव हो सकें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. लल्लन प्रसाद वर्मा ने की। उन्होंने पुष्पगुच्छ भेंट कर मुख्य अतिथि कुंदन राम (जिला पंचायत सदस्य) का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि कुंदन राम ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का गठन एक लंबे आंदोलन और अनेक बलिदानों का परिणाम है। उन्होंने 1994 के मसूरी, खटीमा और रामपुर तिराहा गोलीकांडों को राज्य आंदोलन के काले अध्याय बताते हुए कहा कि इन्हीं बलिदानों के फलस्वरुप 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड भारत का 27वां राज्य बना।
अति विशिष्ट अतिथि पूरन सिंह नेगी (क्षेत्र पंचायत सदस्य, बडगल भट्ट) ने कहा कि स्थापना दिवस उत्तराखंड की जनता के आत्मसम्मान, सांस्कृतिक पहचान, भाषा-संस्कृति संरक्षण और विकास यात्रा का प्रतीक है।
विशिष्ट अतिथि अशोक कुमार (ग्राम प्रधान, सरल रौतेला) ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म और शौर्य की परंपराओं से ओत-प्रोत भूमि है, जिसने देश को अनेक ऋषि-मुनि और वीर सपूत दिए।
सारस्वत अतिथि गणेश पाठक (व्यापार मंडल अध्यक्ष, शीतलाखेत) ने कहा कि राज्य ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
अति विशिष्ट अतिथि गजेन्द्र पाठक (सलाहकार, शीतलाखेत मॉडल) ने सभी से जल, जंगल और जमीन के संरक्षण हेतु सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।
समारोह के अंतर्गत 6 नवंबर से चल रही विभिन्न सांस्कृतिक एवं अकादमिक प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. एल.पी. वर्मा ने सभी अतिथियों, आयोजकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन प्रो. अनुपमा तिवारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगीत के साथ हुआ।
इस अवसर पर प्रो. एल.पी. वर्मा, प्रो. अनुपमा तिवारी, डॉ. सीमा प्रिया, डॉ. प्रकाश चंद्र जांगी, डॉ. दीपिका आर्या, डॉ. वसुंधरा लस्पाल, डॉ. छत्र सिंह कठायत, डॉ. राजेंद्र चंद्र पांडे, कमल सिंह बनकोटी, हेमंत मनराल, विनोद रतन सहित अन्य शिक्षक-कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
रिपोर्टर- रिया सोलीवाल






