‘रोहित चौधरी गैंग’ के कुख्यात अपराधी को नारकोटिक्स स्क्वॉड ने दबोचा।
दक्षिण जिले की नारकोटिक्स स्क्वॉड टीम ने हत्या के प्रयास के मामले में वांछित अपराधी को गिरफ्तार एक देशी पिस्तौल और एक जिंदा कारतूस के साथ किया गिरफ्तार। (विशेष संवाददाता- कुन्दन)

दक्षिणी दिल्ली। नारकोटिक्स स्क्वॉड दक्षिण जिले की टीम को विशेष रूप से अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने का काम सौंपा गया था। टीम ने स्थानीय मुखबिरों को संवेदनशील बनाकर और मानव खुफिया जानकारी एकत्र करके ईमानदारी से प्रयास शुरू किए। क्षेत्र में रोकथाम और पहचान के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त तेज कर दी गई थी। अपराधियों को पकड़ने के लिए टीम लगातार प्रयास कर रही थी। टीम ने सैकड़ों आपराधिक डोजियर की जांच की और मैनुअल स्रोतों को संवेदनशील बनाया और मैनुअल के साथ-साथ तकनीकी निगरानी के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण इनपुट को बाहर निकाला।


दक्षिणी जिला पुलिस उपायुक्त चन्दन चौधरी ने बताया कि बीते सोमवार को नारकोटिक्स स्क्वॉड दक्षिण जिले में तैनात एएसआई प्रकाश को गुप्त सूचना मिली कि थाना संगम विहार में हत्या के प्रयास के मामले में लिप्त एक आरोपी इलाके में घूम रहा है। सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुए एसीपी राजेश कुमार की देखरेख और इंस्पेक्टर आनंद कुमार झा की अगुवाई में एसआई राजीव, प्रकाश,पांचू, हेड कांस्टेबल संजय, अर्जुन, प्रवीण टोकस और कांस्टेबल छोटू की एक टीम गठन तेजी से कार्रवाई करने के लिए किया गया था। टीम ने के ब्लॉक, संगम विहार,नई दिल्ली के आसपास एक जाल बिछाया। कुछ देर बाद एक व्यक्ति को संदिग्ध हालत में आते देखा गया। मुखबिर की निशानदेही पर सतर्क पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। बाद में उसकी पहचान मनीष उर्फ़ गट्टा उर्फ़ सागर के रूप में हुई। उसकी निशानदेही पर एक देशी पिस्तौल के साथ एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की संपत्ति जब्त कर ली गई है।

पूछताछ के दौरान आरोपी मनीष उर्फ़ गट्टा उर्फ़ सागर ने खुलासा किया कि उसने अपने भाई राहुल और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर नरेश राणा (पीड़ित) पर कई बार गोलियां चलाईं। उसने आगे खुलासा किया कि वह नरेश राणा से बदला लेना चाहता था क्योंकि उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर आरोपी के भाई को पीटा था। राहुल और उसके अन्य सहयोगियों को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था और मनीष उर्फ़ गट्टा मामला दर्ज होने के बाद से अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था। उनसे बताया कि वह अपने क्षेत्र के लोगों में डर पैदा करना चाहते थे। उसने रोहित चौधरी गैंग के सदस्यों के साथ अपने संबंध विकसित करना शुरू कर दिया। वह पहले तीन मामलों में शामिल रहा है।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण









