नव निर्वाचित बागेश्वर विधायिका श्रीमती पार्वती दास का गृहिणी से खास बनने का सफर। (रिपोर्टर- सुन्दर सुरकाली)
बागेश्वर। बागेश्वर विधान सभा उप चुनाव में जीत दर्ज करने के साथ-साथ पार्वती दास ने बागेश्वर से पहली महिला विधायक का खिताब अपने नाम किया है। आज तक एक गृहिणी के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाली महिला अब विधान सभा में बागेश्वर की समस्याओं को लेकर पहुंचेंगी।

मालूम हो कि काफलीगैर तहसील के खांकर निवासी (पिता) श्री प्रताप राम, (माता) श्रीमती लक्ष्मी देवी के घर सन 1962 में पार्वती पैदा हुई थी,जो अपने माता-पिता के तीन बच्चों में वे दूसरे नंबर की बेटी है। पार्वती की प्राथमिक पढ़ाई क्षेत्र के विद्यालय से हुई। इंटर मीडिएट की पढ़ाई काफलीगैर इंटर कालेज से हुई, उनकी सन 1983 में श्री चंदन राम दास से उनकी शादी हुई, तब चंदन राम दास जिले में एक एनजीओ का कार्य देखा करते थे। शादी के बाद पार्वती चंदन के लिए अपना भाग्य भी साथ लेकर आई। शादी के बाद उनका जीवन संघर्षमय रहा। चंदन राम दास की हिम्मत और हौसला बनकर खड़ी रहने वाली पार्वती से दो पुत्र एवं दो पुत्रियां हुई। तब परिवार के प्रति उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई।

इसी बीच चंदन राम दास ने राजनीति में अपने भाग्य को आजमाते हुए पहली बार वर्ष 1997 में निर्दलीय नगर पालिका का चुनाव लडा। चुनाव में जीत दर्ज कर वे नगर पालिका अध्यक्ष बने। जिसके बाद वे 2006 में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। वर्ष 2007 में भाजपा के टिकट पर वे चुनाव जीते। जिसके बाद वे 2012, 2017 एवं 2022 में चौथी बार बागेश्वर से विधायक बने। लेकिन इस बीच दास का स्वास्थ्य खराब होने लगा। हालाकि सीनियर एवं तेज तर्रार विधायक होने के नाते उत्तराखंड भाजपा सरकार में दास को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया,जिसमें उन्होंने समाज कल्याण विभाग व परिवहन विभाग का जिम्मा लिया। लेकिन वे इस बीच बहुत अधिक अस्वस्थ रहने लगे। अचानक इसी वर्ष पार्वती दास के लिए एक समय फिर बूरे सपने जैसा आया। उनका जीवन साथी कैबिनेट में मंत्री स्व. चंदन राम दास ने 26 अप्रैल 2023 को उनका साथ छोड़ दिया।
कैबिना मंत्री दास के निधन के बाद एक बार फिर बागेश्वर में उपचुनाव होना तय था, जिसके लिए भाजपा ने स्व. दास की पत्नी पार्वती को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया। यहां पार्वती ने शानदार जीत दर्ज कर बागेश्वर के इतिहास में पहली महिला विधायक बनने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है,अब देखना यह है कि अपने स्वर्गीय पति के सपनों को साकार करने के लिए वे कितनी इस बागेश्वर विधान सभा क्षेत्र के विकास के लिए आगे रहती है।