रेफरल प्रकरणों की समीक्षा हेतु गठित रेफरल मॉनिटरिंग समिति की प्रथम बैठक हुई संपन्न।
आपातकालीन मामलों में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं होगी – जिलाधिकारी अल्मोड़ा अंशुल सिंह।
अल्मोड़ा। रेफरल प्रकरणों की समीक्षा हेतु गठित रेफरल मॉनिटरिंग समिति की प्रथम बैठक बुधवार को जिलाधिकारी अंशुल सिंह की अध्यक्षता में जिला कार्यालय में आयोजित हुई। बैठक में जनपद के विभिन्न चिकित्सालयों द्वारा प्रस्तुत सभी रेफरल मामलों की विस्तृत समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि रेफरल से जुड़े हर प्रकरण का नियमानुसार और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गंभीर मरीजों को समय पर उपयुक्त चिकित्सा सुविधा मिलना सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए सभी अधिकारी बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि उपलब्ध संसाधनों का शत-प्रतिशत उपयोग हो और प्रत्येक रेफर मामले में मरीज या परिजन का संपर्क नंबर दर्ज किया जाए, ताकि उपचार संबंधी जानकारी समय-समय पर अपडेट की जा सके।
जिलाधिकारी ने 108 एंबुलेंस सेवा और अस्पतालों के बीच समन्वय मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि आपात स्थितियों में मरीजों को समय पर एंबुलेंस उपलब्ध कराना अनिवार्य है। उन्होंने जच्चा-बच्चा से जुड़े सभी मामलों का सुव्यवस्थित डेटा रखने के भी निर्देश दिए।
बैठक में विभागीय संचार प्रणाली को और अधिक मजबूत करने, रेफरल व्यवस्था को सुचारु बनाने तथा त्वरित सहायता उपलब्ध कराने पर चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि रेफरल मामलों की नियमित निगरानी और फीडबैक प्रणाली को प्रभावी बनाकर सेवाओं की गुणवत्ता में और सुधार लाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि रेफरल मॉनिटरिंग समिति का गठन बीते माह ही जिलाधिकारी द्वारा किया गया था। समिति की प्रथम बैठक में उन्होंने सभी रेफर मामलों के कारणों, बीमारियों और उपलब्ध संसाधनों का विस्तार से मूल्यांकन कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि मरीज को रेफर करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि जिस अस्पताल में भेजा जा रहा है, वहां उसका उपचार संभव है या नहीं।
उन्होंने चेतावनी दी कि मरीज के इलाज में किसी भी स्तर की लापरवाही अक्षम्य होगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन चंद्र तिवारी ने बताया कि 1 नवंबर 2025 से 23 नवंबर 2025 तक जनपद के अस्पतालों से रेफर हुए मरीजों की संख्या ओपीडी के सापेक्ष एक प्रतिशत से भी कम है।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सा सेवा केवल विभागीय कार्य नहीं, बल्कि मानव सेवा का श्रेष्ठ माध्यम है, इसलिए आपात स्थिति में मरीजों के प्रति संवेदनशीलता अत्यंत आवश्यक है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन चंद्र तिवारी, अपर जिलाधिकारी युक्ता मिश्रा, पीएमएस जिला अस्पताल डॉ. हरीश चंद्र गढ़कोटी सहित अन्य अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी अस्पतालों के प्रभारी डॉक्टर उपस्थित रहे।



