राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी शहर किशनपुर गौलापार में मनाई गई इंद्रमणि बडोनी जयंती।
हल्द्वानी (नैनीताल)। राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी शहर किशनपुर गौलापार में उत्तराखंड आंदोलन के प्रणेता एवं “पहाड़ के गांधी” के नाम से विख्यात इंद्रमणि बडोनी की 100वीं जयंती एनएसएस, रेडक्रॉस एवं सांस्कृतिक समिति के संयुक्त तत्वावधान में गरिमामय वातावरण में मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. संजय कुमार ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ इंद्रमणि बडोनी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इस अवसर पर कुमाऊनी लोक संस्कृति को समर्पित कुमाऊनी गीत की प्रस्तुति ललिता द्वारा दी गई, जबकि कविता पाठ सुषमा द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अर्चना ने किया।
वक्ताओं ने इंद्रमणि बडोनी के जीवन और योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने उत्तराखंड की पृथक पहचान, सांस्कृतिक अस्मिता और जनआंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर आवाज़ दी। उन्होंने अहिंसक एवं लोकतांत्रिक तरीके से पर्वतीय क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक अधिकारों की लड़ाई को दिशा दी। उनका जीवन सादगी, समर्पण और जनसेवा का अनुपम उदाहरण है।
कार्यक्रम में डॉ. किरण एवं डॉ. गौरव का विशेष सहयोग रहा। उन्होंने इंद्रमणि बडोनी के वैचारिक योगदान, उत्तराखंड आंदोलन में उनकी भूमिका तथा युवाओं के लिए उनके आदर्शों की प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की।
प्राचार्य प्रो. संजय कुमार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि इंद्रमणि बडोनी का जीवन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है और उनके विचार आज भी समाज को दिशा देने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने ऐसे आयोजनों के माध्यम से इतिहास और संस्कृति से जुड़ाव को सुदृढ़ करने पर बल दिया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. कैलाश कलोनी, डॉ. डी.सी. पांडेय, डॉ. पी.सी. मठपाल, डॉ. आशीष, डॉ. किरण, डॉ. गौरव, डॉ. भारती, डॉ. दीपक, डॉ. भुवन, डॉ. रीमा, डॉ. पूजा, एनएसएस स्वयंसेवक, रेडक्रॉस सदस्य एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।



