राजकीय प्राथमिक आयुर्वेदिक चिकित्सालय हऊली डेढ़ साल से डॉक्टर विहीन, फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा अस्पताल।
भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। विकासखंड भिकियासैंण के अंतर्गत प्राथमिक आयुर्वेदिक चिकित्सालय हऊली पिछले डेढ़ साल से डॉक्टर विहीन है। डॉक्टर की तैनाती न होने से अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएँ गंभीर रुप से प्रभावित हो रही हैं और स्थिति यह है कि पूरा अस्पताल केवल फार्मासिस्ट के सहारे संचालित हो रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर न होने के कारण छोटी-छोटी बीमारियों के उपचार हेतु भी मरीजों को दूरस्थ अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। हऊली से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैंण की दूरी लगभग 17 किलोमीटर है, लेकिन वहां भी विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है।
ग्रामीणों ने बताया कि चौखुटिया, स्याल्दे और भिकियासैंण क्षेत्रों में लोग लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड राज्य के 25 वर्ष पूरे होने के बावजूद पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाएँ निराशाजनक स्थिति में हैं।
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से अस्पताल में जल्द से जल्द डॉक्टर की तैनाती की मांग की है, ताकि आयुर्वेदिक चिकित्सालय की सेवाएँ नियमित रुप से बहाल हो सकें। वर्तमान में अस्पताल में मात्र दो कर्मचारी कार्यरत हैं।
रिपोर्टर- रिया सोलीवाल






