भिकियासैंण में बारीश से गिरे पत्थर बन रहे चोरी का साधन, प्रशासन हुआ मौन।

भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। जिले के भिकियासैंण क्षेत्र में लगातार बारीश के चलते भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं। पहाड़ी ढलानों और सड़कों पर गिरे ये बड़े-बड़े पत्थर जहाँ एक ओर स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए खतरा बने हुए हैं, वहीं दूसरी ओर अब ये अवैध रुप से ग्रामीणों के लिए संसाधन बन गए हैं।

जानकारी के अनुसार, कई ग्रामीण रात के अंधेरे में या सुनसान इलाकों से इन गिरे हुए पत्थरों को उठा कर अपने घरों तक पहुँचा रहे हैं। इन पत्थरों का प्रयोग घर की नींव, बाड़बंदी या अन्य निर्माण कार्यों में किया जा रहा है। यह गतिविधि किसी अधिकृत अनुमति के बिना की जा रही है, जिसे स्पष्ट रुप से चोरी की श्रेणी में रखा जा सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस तरह प्राकृतिक रुप से गिरे पत्थरों का अनियंत्रित दोहन होता रहा, तो इससे न केवल भू-संरचना पर असर पड़ेगा बल्कि भविष्य में भूस्खलन का खतरा और भी बढ़ सकता है।

इस क्रम में आज बुधवार को नगर पंचायत भिकियासैंण के सामाजिक कार्यकर्ता नन्दन सिंह बिष्ट व
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस पूरे मामले में पूरी तरह चुप है। यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह प्रथा एक बड़े पर्यावरणीय और कानूनी संकट का रुप ले सकती है।

नन्दन सिंह बिष्ट ने इस मामले मे उपजिलाधिकारी भिकियासैंण को शिकायती पत्र देकर स्पष्ट किया है, कि डिग्री कॉलेज भिकियासैंण के समीप रोड में गिरे पत्थरो को वाहन पीकप संख्या UK19CA1511 से कुछ लोग अपने घर आए दिन ले जा रहे है, लेकिन प्रशासन मौन है, उन्होंने तुरंत खनन जैसे कार्यों को रोकने की मांग की है।

वहीं इस शिकायत पर राजस्व विभाग अलर्ट मोड में आ गया, तुरंत ही पुलिस चौकी में सुरक्षा हेतु वाहन को रखा गया है।

राजस्व विभाग द्वारा बताया गया है, कि वाहन में 2.88 घन मीटर पत्थर लोड है, जिसकी चालानी कार्यवाही की जा रही है।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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