पीयूष धामी की पहल से प्रेरित होकर बच्चों ने सीखी कुमाऊं की पारंपरिक कला, ईख से बनाई लक्ष्मी प्रतिमाएं।

पिथौरागढ़। लोक विरासत जनजातीय एवं लोक कला समिति द्वारा पिथौरागढ़ के पितरौटा वार्ड स्थित कार्यालय में कुमाऊं की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से एक दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय था – ईख द्वारा लक्ष्मी प्रतिमा निर्माण, जो कुमाऊं की प्राचीन दीवाली परंपराओं में से एक है, परंतु अब विलुप्ति के कगार पर है।

इस अवसर पर लगभग 50 बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संस्था के संस्थापक पीयूष धामी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य नई पीढ़ी को अपनी मिट्टी, लोक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना है, ताकि वे अपनी पहचान और जड़ों को समझ सकें। उन्होंने कहा कि लोक कला केवल उत्सवों तक सीमित नहीं, बल्कि यह हमारी आस्था और जीवनशैली का प्रतीक है।

कार्यशाला में प्रियांशु राज, स्मृति भट्ट और पीयूष धामी ने बच्चों को दिवाली से संबंधित लोक गीतों, लोक कथाओं और पारंपरिक मान्यताओं का प्रशिक्षण दिया। बच्चों ने सीखते हुए उत्साह और गर्व का अनुभव किया।

संस्था की यह पहल स्थानीय संस्कृति के संरक्षण और नई पीढ़ी में सांस्कृतिक चेतना जागृत करने की दिशा में एक सराहनीय कदम साबित हुई है।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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